घर पर नकदी और सोना रखने के नियम
सर्वे भवन्तु धनिन:, सर्वे सन्तु निरामयाः |
सर्वे सम्पत्ति पश्यन्तु:, मा कश्चित् निर्धनं भवेत्...
सतत् एवं व्यापक शिक्षा (सीसीई गुरु) समूह अपने नवाचारों की श्रृंखला में एक नया आयाम जोड़ते हुए प्रस्तुत करते है – “वित्तीय जागरूकता अभियान” | इस अभियान के तहत हम हमारे पाठकों के साथ बेहतरीन निवेश योजनायें, टैक्स कटौती के समीकरण एवं व्यक्तिगत वित्तीय योजनायें प्रस्तुत करेंगे जिससे कि आप वित्तीय उन्नति को प्राप्त कर सकें |
वित्तीय जागरूकता की इस कड़ी में घर पर नकदी और सोना रखने से जुड़ी कुछ जानकारियाँ साझा की जा रही है...
कहते हैं कि धन 99.99% समस्याओं का हल है लेकिन कभी-कभी धन ही आपको परेशानी में भी डाल सकता है| हम जब-तब प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग द्वारा डाले गए छापों के बारे में पढ़ते रहते है | ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न जरूर आया होगा की आखिर कितने रुपये और गोल्ड रखने तक आयकर विभाग आपसे धन का स्त्रोत नहीं पूछता है ? आइये जानते हैं विस्तृत विवरण
घर पर गोल्ड रखने की ये है लिमिट :
अगर आप घर पर सोना रखने के शौक़ीन हैं तो आपको यह जानकारी होना बेहद जरूरी है कि भारतीय गोल्ड नियामक क़ानून 1968 को जून 1990 में ख़त्म कर दिए जाने के बाद अब वैध दस्तावेजों एवं वैलिड सोर्स की जानकारी के साथ आप अपने घर पर कितनी भी मात्रा में सोने का संग्रहण कर सकते हैं | लेकिन तब क्या जबकि आपके पास जो सोना है उसका कोई भी प्रमाण आपके पास उपलब्ध ही ना हो ? ऐसे में ये जानकारी आपके काम आयेगी -
कितने गोल्ड पर नहीं देना होता है प्रूफ ?
वर्त्तमान स्वर्ण भंडारण एवं संग्रहण नियमों के अनुसार एक अविवाहित महिला 250 ग्राम तक सोंना बिना किसी प्रमाण के अपने पास रख सकती है | वहीं विवाहित महिला के मामले में यह सीमा 500 ग्राम है | जबकि विवाहित पुरुष बिना प्रमाण के 100 ग्राम तक के स्वर्ण आभूषण धारण कर सकता है | उपरोक्त मात्रा में सोना रखने तक आयकर विभाग आपसे सोने की जब्ती नहीं कर सकता है | हाँ संदेह होने पर सामान्य पूछताछ अवश्य की जा सकती है | इससे अधिक सोना बिना प्रमाण के रखने पर आपको कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है | इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 132 के मुताबिक इनकम टैक्स अधिकारियों के पास ये अथॉरिटी है कि वह लिमिट से ज्यादा ज्वैलरी होने पर उसे जब्त कर सकते हैं| इसके अलावा गिफ्ट में 50 हजार रुपए से कम के सोने के आभूषण मिलते है या विरासत में ज्वैलरी मिलती है तो यह टैक्स के दायरे में नहीं आते लेकिन ये साबित करना होगा कि ये गिफ्ट या विरासत में मिला है |
ये है नकदी से जुड़े हुए नियम :
नकदी के संबंध में वैसे तो कोई तय नियम नहीं है लेकिन 2 लाख रुपये से अधिक होने पर आपको स्त्रोत की जानकारी बतानी पड़ सकती है | सोर्स की जानकारी नहीं दे पाने की स्थिति में आपको 137% तक जुरमाना भरना पड़ सकता है | कैश ट्रांजेक्शन के संबंध में नियम यह है की एक बार में 20 लाख से अधिक नकद जमा करवाने पर पैन और आधार की जानकारी देनी अनिवार्य है अन्यथा जुरमाना भरना होगा | इसी प्रकार से 2 लाख रुपये से अधिक की नकद खरीददारी और 2000 से अधिक नकद चंदा भी नहीं दिया जा सकता है | ठीक इसी प्रकार से 20 हजार से अधिक नकद लोन भी लेना या देना नहीं चाहिए |
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