#Rajasthan के कर्मचारियों के लिए #NPS पूरी तरह बंद होने से बढ़ेगा Income Tax का भार, ऐसे कम करें अपना टैक्स
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सर्वे भवन्तु धनिन:, सर्वे सन्तु निरामयाः |
सर्वे सम्पत्ति पश्यन्तु:, मा कश्चित् निर्धनं भवेत्...
सतत् एवं व्यापक शिक्षा (सीसीई गुरु) समूह अपने नवाचारों की श्रृंखला में एक नया आयाम जोड़ते हुए प्रस्तुत करते है – “वित्तीय जागरूकता अभियान” | इस अभियान के तहत हम हमारे पाठकों के साथ बेहतरीन निवेश योजनायें, टैक्स कटौती के समीकरण एवं व्यक्तिगत वित्तीय योजनायें प्रस्तुत करेंगे जिससे कि आप वित्तीय उन्नति को प्राप्त कर सकें |
वित्तीय जागरूकता की इस कड़ी में राजस्थान सरकार के कार्मिकों के साथ साझा की जा रही है कुछ जानकारी जो उन्हें प्रथम दृष्ट्या सत्र 2022-23 में आयकर कम करने के लिए निवेश से जुड़ी राह प्रशस्त करेगी...
हिन्दुस्तान के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य राजस्थान में कर्मचारियों को बुढापे में दिवालिया और मोहताज बनाने वाली नवीन अंशदायी पेंशन योजना (NPS) को पूर्णतया समाप्त कर वृद्धावस्था में सम्मानजनक जीवन जीने की सुरक्षा देनेवाली पुरानी पेंशन योजना (OPS) को दिनांक 01 अप्रेल 2022 से लागू कर दिया है | इस योजना को लागू करने के लिए राजस्थान सरकार वाकई में बधाई की पात्र है | बुढापे को बाजारू बनाने वाली कैंसर के समान पीड़ादायी इस योजना से मुक्ति मिलने से राजस्थान के राजकीय कर्मचारी अब चिंतामुक्त होकर अपने राजकीय कर्त्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं |
NPS के समाप्त हो जाने से कर्मचारियों के Basic+DA के 10% की राशि जो स्वत: ही भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 80C में निवेश की जाती रही थी, अब वितीय वर्ष 2022-23 से समाप्त हो गयी है | इस कारण से अब #Rajasthan के कर्मचारियों को अपना आयकर बचाने के लिए अन्य उपाय तलाशने होंगे |
टैक्स सेविंग की कुछ मुख्य धाराएं :
हालांकि भारतीय आयकर अधिनियम में विभिन्न श्रेणियों में आयकर में छूट लेने के बहुत सारे प्रावधान हैं, जिनमें से कुछ मुख्य उपबंध निम्नानुसार हैं -
👉धारा 80C में कुल 1,50,000 का निवेश टैक्स फ्री
👉धारा 80D में कुल 50,000 का निवेश टैक्स फ्री
👉धारा 80EE में कुल 50,000 तक की टैक्स बचत
👉धारा 80EEB में टैक्स बचत
धारा 80C में कुल 1,50,000 का टैक्स फ्री निवेश :
आयकर अधिनियम के इस उपबंध में निम्नानुसार निवेश किया जा सकता है, निवेश के प्रकार के साथ-साथ लॉक इन पीरियड और निवेश पर मिलाने वाला रिटर्न भी दर्शाया गया है –
निवेश योजना
न्यूनतम अवधि
रिटर्न
पंच वर्षीय जमा योजना
5-Year Bank Fixed Deposit
पांच वर्ष
6-7%
सामान्य भविष्य निधि
Public Provident Fund (PPF)
15 वर्ष
7-8%
राष्ट्रीय बचत पत्र
National Savings
Certificate
पांच वर्ष
7-8%
राष्ट्रीय पेंशन योजना
National Pension System
(NPS)
60 वर्ष की आयु
12-14%
ELSSनिवेश योजना
Equity Linked Saving Scheme
3 वर्ष
15-18%
ULIPनिवेश योजना
Unit Linked Insurance Plan
5 वर्ष
4-12%
सुकन्या समृद्धि योजना
Sukanya Samriddhi Yojana
बालिका की 18 /
21 आयु
6-9%
जीवन बीमा योजनायें
Life Insurance Plan(s)
योजनानुसार
2.5-8% + Bonus
अधिक जानकारी के लिए योजना के नाम पर क्लिक करें
कृपया ध्यान दें कि इन समस्त प्रकार की योजनाओं में किये गए निवेश पर समग्र एवं समेकित रूप से अधिकतम 1,50,000 रुपये का निवेश ही कर में छूट योग्य होगा |
धारा 80D में कुल 50,000 का निवेश टैक्स फ्री
आयकर की इस धारा में चिकित्सकीय बीमा के प्रीमियम भुगतान पर टैक्स में छूट मिलती है | यह बीमा कार्मिक, कार्मिक के जीवनसाथी, और आश्रित माता-पिता का हो सकता है | हाल ही में उच्च न्यायालय ने महिला कार्मिक के सास-ससुर को भी आश्रित माता-पिता की श्रेणी में मान लिया है | ध्यातव्य है कि हाल ही में राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना लागू की गई है, जिसका प्रीमियम हर माह कार्मिक के वेतन बिल से काटा जा रहा है (किन्तु इसके लिए पॉलिसी / बॉन्ड सरकार द्वारा जारी नहीं किए जाने के कारण फिलहाल उक्त योजना टैक्स में छूट प्राप्त करने योग्य नहीं है |) इसी प्रकार से यदि कार्मिक ने टर्म स्वास्थ्य बीमा लिया हुआ है तो इसका प्रीमियम भी छूट के प्रावधान में शामिल है |
धारा 80EE में कुल 50,000 तक की टैक्स बचत
यह आयकर में छूट प्राप्त करने का एक लोकप्रिय उपाय है | आयकर की यह धारा खंड – 24 के साथ गृह ऋण पर दिए गए 2 लाख रुपये तक के ब्याज को सकल आय में से कम करती है | अर्थात् उक्त विधि के साथ आप होम लोन पर दिए गए ब्याज से टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं |
धारा 80EEB में टैक्स बचत
यदि आपने किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के लिए लोन लिया है तो इसके ब्याज को भी आयकर में छूट योग्य माना गया है |
आयकर की कुछ अन्य धाराओं में टैक्स बचत :
80G : दान की गयी संपत्ति
80GG : मकान किराए की राशि पर छूट
80TTA : 10,000 तक के बचत खाते के ब्याज में छूट
वैधानिक चेतावनी : कृपया ध्यान दें कि उक्त जानकारी सीसीई गुरु द्वारा विभिन्न स्त्रोतों, आलेखों, पुस्तकों के अध्ययन के उपरांत सार स्वरुप प्रस्तुत की गयी है, लेकिन भारतीय आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए नियम एवं उपबंध ही अंतिम रूप से मान्य होंगे | हम अनुशंषा करते हैं कि आप उक्त नियमों को भलीभांति जानकर ही वित्तीय कदम उठायें |
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